रविवार, 23 अगस्त 2020

जो ठान लो वो पा लो













अकसर जब भी हमें कुछ नया करना होता है इसके लिए पहले हम अपनी योजना बनाते हैं और फिर हम अपने योजना के  अनुसार उस काम को पूरा करने की कोशिश करते हैं हम उसमें असफल रहते हैं फिर हम दुबारा उसी काम को करते हैं फिर असफल हो जाते हैं इसी तरह करते - करते हमें समझ आ जाता है की आखिर हमसे कहाँ गलतियां हो रही है जिसे अनुभव कहते हैं,  फिर उन गलतियों को ध्यान में रखते हुए उसी काम को करते हैं अबकी वो काम हमारा पूरा ठीक ना हो पाया लेकिन पहले की अपेक्षा बेहतर होता जाता है हम उस काम को करते रहते हैं और वो काम हमारा पहले की अपेक्षा और बेहतर होता जाता है और उसी काम को हम तब तक करते हैं  जब तक वो काम ठीक से पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता और जब तक हमें उसमे सफलता नहीं मिल जाती फिर वही काम हमारे लिए बड़ा ही सरल और आसान बन जाता है। ..... और हम उस काम में सफल बन जाते हैं अब उस काम में हमसे गलती कम होती है उस काम को हम अपने  अभ्यास के द्वारा इतना सरल बना देते है कि हमें खुद को विश्वास दिलाना पड़ता है की ये वही काम है जिसको करने में इतनी मुश्किलों और असफलताओं का सामना करना पड़ा था !

लेकिन इसके लिए हमें खुद पे काम करना होगा खुद सीखना होगा अपनी सीखनी की आदत को बढ़ाना होगा अगर किसी काम को करने के लिए हमें दिक्क्तें आ रही है तो  स्किल को बढ़ाना होगा और मन में ढृढ़ निश्चय करना होगा की इस काम को पूरा करना है,  ये नहीं की असफलताओं और मेहनत के डर से उस काम को छोड़ दें सफलता पाने के लिए पहले असफल होना पड़ेगा ये नहीं की उस काम को बीच में ही छोड़ दें, हमें सफलता तभी मिलेगी जब हम उस काम में असफल होंगे गलती करेंगे और अपनी उन गलतियों से सीखेंगे अनुभव लेंगे तभी मिलेगी सफलता, जो ठान लो वो कर लो चाहे कितनी भी दिकत्तों का सामना करना पड़े और  उस काम को करते  रहो करते रहो जब तक उसमें सफलता न मिले  !!  

  आज हम बात करेंगे पीढ़ी के अंतर के बारे में। हम सबने इसे महसूस किया है—जब हमारे माता-पिता या दादा-दादी हमारी पसंद-नापसंद को समझ नहीं पाते, ...