जब प्यार ही नहीं था तो इकरार क्यों किया ,
हमसे मिलने की ख्वाइश नहीं थी तो हमारा इंतज़ार क्यों किया ,
अगर इतना ही विश्वास था अपनी मोहब्बत पे ,
तो अब इश्क़ से इंकार क्यों किया !!
I want to share my thought and experience and need viewers opinion also . In this blog I write about health, relationship, motivational thought, some short poems and stories.
जब प्यार ही नहीं था तो इकरार क्यों किया ,
हमसे मिलने की ख्वाइश नहीं थी तो हमारा इंतज़ार क्यों किया ,
अगर इतना ही विश्वास था अपनी मोहब्बत पे ,
तो अब इश्क़ से इंकार क्यों किया !!
आज हम बात करेंगे पीढ़ी के अंतर के बारे में। हम सबने इसे महसूस किया है—जब हमारे माता-पिता या दादा-दादी हमारी पसंद-नापसंद को समझ नहीं पाते, ...