अगर कभी कोई आपको महत्त्व ना दे तो क्या करें .........
कितनी बार ये बातें हमारे मन में चलती रहती है कि मैं इसको जितना महत्त्व अपनी जिंदगी में दे रहा हुँ मुझे उतना क्यों नहीं मिल रहा उससे यही सोच - सोच कर परेशान रहते है , मन में नकारात्मक विचार आते रहते है , और कहीं भी मन नहीं लगता है हमारा..... लेकिन ऐसा क्यों .....क्यों हमारी ख़ुशी और गम दूसरों की मोहताज है , क्यों अपनी ख़ुशी या गम के लिए हम दूसरों पर निर्भर रहते हैं ..... हमारी ख़ुशी हमारी अपनी है और हमारे भीतर के सारे भाव हमारे अपने है इसके लिए दूसरों पर निर्भर करना छोड़ना पड़ेगा, हमें कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए अगर कोई हमें महत्व नहीं दे। कभी नहीं सोचना चाहिए में तो इसके लिए इतना करता हुँ क्यों नहीं करता जब मैं उसको इतना महत्व देता हुँ तो वो क्यों नहीं देता छोड़नी पड़ेगी ऐसी सोच को .......
...... सबसे पहले हमें खुद को बेचारा बनाना छोड़ना होगा कौन हमें महत्त्व दे रहा हे और कौन नहीं दे रहा इससे ज्यादा फर्क पड़ता है की हम खुद की कितनी इज्जत करते हैं हम खुद को कितना महत्त्व देते हैं क्यूंकि जबतक हम खुद की इज्जत नहीं करेंगें खुद को महत्त्व नहीं देंगे तबतक कोई दूसरा हमें महत्तव नहीं देगा ! अकेले बैठे रहने से खुद को परेशान करने से कुछ नहीं होने वाला ....... सबसे पहले खुद पे काम करना होगा सोचना पड़ेगा की खुद में कैसे प्रगति करे , कैसे अपने ज्ञान को बढ़ाए , अपने व्यक्तित्व में बदलाव लाएं , अपने अंदर आत्मविश्वास लाना होगा की अगर किसी काम को कोई और कर सकता है तो मैं भी कर सकता हुँ। ..हमें अपनी क़ाबलियत बढ़ानी होगी। .... अंदर की जज्बे को जगाना होगा की किसी के चाहने या न चाहने से कुछ नहीं होगा जबतक की में खुद नहीं चाहुँ हमारे अंदर क्या है खुद पे काम करना होगा वैसा बनना होगा। ...... कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए की कोई दूसरा हमारे लिए क्या सोचता है !
खुद के लिए हम जैसा सोचते हैं वैसा ही लोग हमारे लिए सोचते हैं और सच में हर कोई हमारे बारे में अच्छा नहीं सोच सकता हर कोई हमें महत्व नहीं दे सकता। ..... लेकिन अगर हमें किसी खास से महत्व भी चाहिए तो किसी से गिडगिडाने में कुछ नहीं मिलता सिर्फ भीख ही मिलती है ! इसलिए खुद को दें अपनी जिंदगी में महत्व क्यूंकि आपकी अपनी जिंदगी में सबसे ज्यादा महत्व आप रखते हैं अपने लिए !!
ऐ मुसाफिर क्यों किसी और के महत्व के लिए इतना तरसता है ,
जबकि तु महत्त्व है , तु खुद में पूर्ण है अपने लिए !!
जो चाहेगा वही बनेगा अपनी जिंदगी में ,
जब तू स्वयं अपने महत्व को समझ पाएगा !!