सोमवार, 29 जून 2020

ऐसे लोगों से तो दूर हो ही जाएं













सच ही कहा गया है कि संगति से गुण आते है और संगति से ही गुण जाते है ! हमारे साथ कौन - कौन लोग रह रहें  हैं इसका  जिंदगी पर बहुत प्रभाव पड़ता है कि हमारी संगति कैसी है क्यूंकि हमारे आस - पास कैसे लोग हैं  किनके साथ हमारा उठना - बैठना है इसका हमारी जिंदगी पर सीधा असर करता है ! तो बहुत ही महत्व रखता है किसी का व्यवहार ,  उसके बोलने का तरीका, उसका सम्पूर्ण व्यक्तित्व हमारे व्यक्तित्व को बनता है!!

चोरी करना, या जो किसी को क्षति पहुंचाता है, जो कानून द्वारा दंडनीय अपराध करता है या जिनका चरित्र ख़राब होता है ऐसे लोगों के साथ तो रहना बिलकुल ही नहीं चाहिए परन्तु कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनकी संगति हमारे लिए सही नहीं है तो जानते हैं की ऐसे कौन -कौन लोग  हैं जिनका साथ हमें नहीं  देना चाहिए  और ना ही ऐसे लोगों के साथ रहना चाहिए  :-

झूठे लोगों के साथ कभी नहीं  रहना चाहिए और ना ही उनका कभी साथ देना चाहिए जो झूठे होते हैं वो अपने फायदे के लिए या अपने बचाव में कभी भी कहीं पर भी झूट बोल सकते हैं फिर वो आदत हमें भी लग जाती है और वो किसी के भी सामने हमें ही झूठा बना सकते हैं  तो ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए !

जो लोग हमारी बहुत तारीफ करते हैं जो एक तरीके से देखा जाए तो चापलूस की तरह करे उनसे तो बिलकुल ही दूर रहना चाहिए क्यूंकि वो तो सच बोलेंगे नहीं हम कुछ भी करें चाहे हम गलत ही बात क्यों ना करें तो ऐसे लोगों से तो दुरी बना ही लेनी चाहिए ऐसे लोगों को कोई भी पसंद नहीं करता और धीरे - धीरे हम भी उनकी तरह बात करने लग जाते हैं !

लालची लोगों से हमेशा दुरी बनाए रखना चाहिए ये तो किसी के भी नहीं होते हैं बस अपना उल्लू सीधा करने आता है इनको कब आपको नुकसान करेंगे कोई नहीं बता सकता कब आपको छोड़ के किसी दूसरे लोगों में मिल जाएं ऐसे लोग बहुत  खतरनाक होते हैं कभी किसी के नहीं होते !

जो पीठ पीछे किसी दूसरे की बुराई आपसे करेंगे वो किसी दूसरे के सामने आपकी भी बुराई करने से नहीं चूकते ऐसे लोगों से कभी भी अपनी बातें नहीं बतानी चाहिए और नहीं इनके साथ रहना चाहिए !

बहुत बार सुना होगा की लोग कहते हैं की कमाने से क्या होगा सब तो यहीं छोड़के जाना है ऐसे लोगों को तो अपने साथ कभी आने ही नहीं देना  चाहिए खुद तो काम करते नहीं हैं बस बकवास करते रहते हैं और दूसरों को भी नहीं करने देते हमेशा  फालतू बातों में या फालतू चीज़ों में खुद को उलझाए रखते   हैं और दूसरों का भी समय बर्बाद करते हैं फिर इसकी संगती में हम भी इनकी तरह होने लगते  हैं !


गुरुवार, 11 जून 2020

खुद को Challenge देना सीखें

                                                                                                                                                       











कितनी बार हम खुद को कहते हैं कल से ये काम शुरू करेंगे , कल आ  जाता है याद रहता है हमें की हमने खुद से क्या कहा था लेकिन हम खुदको  फिर मना लेते हैं कि कोई बात नहीं परसों कर लेंगे और फिर वो कल परसो कभी आता ही नहीं है क्योंकि हम  उनको अनदेखा कर देते हैं हमारी छोटी छोटी आदतों को भी हम नहीं  बदल पाते क्यूंकि हम आलस कर जाते हैं और धीरे - धीरे यही हमारी आदत बन जाता है !

ज्यादातर लोग कहते हैं की यार कल से Exercise शुरू करेंगे, कल से जल्दी उठेंगे, कल वहां जाएंगे, कल बैंक का काम ख़तम कर लेंगे, कल लिख लेंगे , ये chapter कल से पढ़ेंगे, वगैहरा  लेकिन कल कभी नहीं आता कोई बात नहीं फिर हम खुद ही खुद को समझा देते हैं अरे ये तो नहीं हो पाया गर्मी ज्यादा थी, नींद नहीं खुली , रात देर सोया था, मन नहीं कर रहा था कोई बात नहीं अगले दिन कर लेंगे लेकिन वो अगला दिन कभी आता ही नहीं है ! लगता है की यार अब तो करना ही पडेगा तभी करते हैं !

किसी भी चीज़ को बदलने के लिए हमें खुद को बदलना होगा शुरआत कभी भी बड़े चीजों से नहीं बल्कि छोटे - छोटे कामों को पूरा करने में है ! खुद को Challenge देना सीखें और खुद से किया हुआ वादा हमेशा पूरा  करें उसको अपनी आदत बनाएँ छोटे - छोटे कामों को करने की आदत ही एक बड़ी उपलब्धि होती है और आप अपने जीवन में हर चीज़ को मुमकिन कर सकते हैं शुरुआती  दिक्ततें और परेशानी आएगी लेकिन धीरे - धीरे वो आपकी आदत बन जाएगी और फिर उसी काम को करनेमें आपको मन लगेगा ! 

सबसे पहले छोटा उद्देश्य बनाएं उसको पूरा करें फिर  आदत बनेगी  उसके बाद आपको खुदको चुनौती देने में मज़ा आने लगेगा और आप अपने जीवन में महत्त्वपूर्ण चीज़ों को हासिल कर पाएंगे बड़े - बड़े कामों को  आसानी से कर लेंगे  खुद से किया हुआ वादा  पूरा करें और वैसे भी जो खुद की छोटी - छोटी चुनौतियों को पूरा न कर पाएगा वो कभी भी अपने जिंदगी में बड़े उदेश्यों को पूरा कर पाएगा क्या ? इसलिए सबसे बड़ी बात है की आप अपने जीवन में अपने वादों को पूरा करें तभी दूसरों के साथ किया वायदा आप पूरा कर सकते हैं !!

सोमवार, 8 जून 2020

खुद के लिए जीना सीखो


अरे मैं क्या करूँ ऐसा नहीं कर सकती  उसको नहीं अच्छा लगेगा , मन तो मेरा गायिका बनने है लेकिन माता - पिता चाहते है कि इंजीनियरिंग करूँ, साइंस नहीं मुझे कॉमर्स पढ़ना है  , मैं करना कुछ और चाहती थी  लेकिन परिवार के दवाब में ये करना पड़ गया लेकिन मेरी दिलचस्पी कुछ और करने की थी ........

उफ़.......  कबतक किसी दूसरे की ख़ुशी के लिए जियेंगे ..... जब हमारी ख़ुशी और मन  की शांति किसी दूसरी चीज़ में है क्यों किसी और के दवाब में आकर या फिर अपने भविष्य से डरकर दूसरों का कहा मान लेते है  और खुद को एक मौका भी नहीं देते ! जब छोटे थे और ड्राविंग करने का मन  करता था तो मम्मी कहतीं थी मैथ्स (Maths) पढ़ो ! दोस्त अगर डांसर (Dancer) है तो परिवार वाले बोलेंगे अरे छोड़ो उस दोस्त को नहीं तो तुम  अपनी पढ़ाई - लिखाई छोड़के उसके साथ बिगड़ जाओगे और नाचते फिरोगे  फिर दोस्त को भी छोड़ दिया ! उसके बाद 10वीं  के बाद  आर्ट्स लेना था तो फिर से परिवार का दवाब आर्ट्स लेके क्या करोगे भविष्य बर्बाद हो जाएगा साइंस (Science )लो किसी पड़ोसी के बेटे का उदहारण देके बताने लगेंगे भले ही उस लड़के को जाने या नहीं जाने फिर से जबरदस्ती साइंस दिला देते हैं भले ही आर्ट्स पढ़ना चाहे फिर से डर गए और साइंस ले लिया मन नहीं लगा पढ़ने में कहीं आर्ट्स की किताब देखी तो उसको पढ़ने का मन करने लगा फिर भी अपने अंदर के आवाज को नहीं सुना और जिंदगी चलने लगी फिर साइंटिस्ट बनना चाहा लेकिन घरवालों ने फिर कहा की नहीं डाक्टर बनो साइंटिस्ट बनके  पूरी जिंदगी रिसर्च ही करते रह जाओगे चलो कोई बात नहीं डाक्टर भी बन गए अब हम परिपक़्व हो गए जिंदगी का फैसला ले सकते हैं अपनी जिंदगी में हमें किसे अपना जीवनसाथी चुनना चाहिए इसका तो अधिकार होना ही चाहिए लेकिन घरवाले उसमें भी बहोत नापते और तोलते हैं घरवाले तो घरवाले बाकी दूसरे रिस्तेदार भी दवाब डालने लग जाते हैं कम -से -कम जिसको साथ रहना है उसको पूछो उसको क्या चाहिए उसकी किसमें ख़ुशी है पूरी जिंदगी हम खुद को किसी  दूसरे के चुने हुए जिंदगी में बिताने लगते हैं !फिर  दिन ऐसा आता है जब हम अपने उस डांसर दोस्त से मिलते है जो अपनी जिंदगी में बहुत खुश होता है वो खुद के जीवन से संतुष्ट होता है फिर हम अपनी जिंदगी से  उसके जिंदगी की तुलना करने लग जाते हैं  खुद पे अफ़सोस करते हैं कि काश खुद को एक मौका दे  दिया होता काश की घर वालों से जबरदस्ती करके आर्ट्स ले लिए होता तो आज में भी अपनी जिंदगी में खुश और संतुष्ट होता क्यों घरवालों के कहने से साइंस ली काश की जिंदगी के छोटे - छोटे फैसले भी कभी खुद लिए होते तो आज जो भी पैसे कमाता खुश होता! क्या फायदा ऐसी जिंदगी का जिसमें हम खुद ही खुश नहीं हैं कितना भी पैसा कमालें जब अंदर से  जिंदगी  में खुश नहीं हैं और दुनिया वालों के सामने ऊपर से सिर्फ खुश होने का दिखावा करके भी क्या कोई फायदा है !

इसलिए जिंदगी में वो करना चाहिए जिससे हम खुश रहे भूल जाओ कौन क्या सोचेगा कौन क्या बोलेगा, इसका तात्पर्य ये नहीं की किसी ने हमारी बात नहीं मानी तो उसको चोट दें लड़ाई करें ! हम अगर  अपने भीतर से खुश हैं , वो शांति  है तभी बहार के लोगों के साथ खुश रहेंगे और सबसे ज्यादा इससे संतुष्ट रहेंगे की हमनें  जिंदगी में   जो चाहा उसको किया ! कम पैसे कमाकर  और छोटे घर में रहकर अगर अपने जीवन से  संतुष्ट हैं तो वो मज़ा  कितने भी बड़े घर में रहकर  कितना भी कमा कर  वो ख़ुशी नहीं मिलती आपके अपने अंदर की  ख़ुशी और शांति सबसे बड़ी जीत है बाकी तो फिर जिंदगी ही बोझ है इसलिए खुद के लिए जियो !!











  आज हम बात करेंगे पीढ़ी के अंतर के बारे में। हम सबने इसे महसूस किया है—जब हमारे माता-पिता या दादा-दादी हमारी पसंद-नापसंद को समझ नहीं पाते, ...