I want to share my thought and experience and need viewers opinion also . In this blog I write about health, relationship, motivational thought, some short poems and stories.
शनिवार, 26 दिसंबर 2020
confidence को कैसे बढ़ाएं, आत्मविश्वास को कैसे बढ़ाएं
शनिवार, 19 दिसंबर 2020
Khush kaise rahe ! खुश कैसे रहे
Khush kaise rahe
हम सभी अपनी जिंदगी जीते हैं, अपने सारे काम करते हैं सारी जिम्मेदारियां निभाते हैं, लेकिन सबसे महत्तवपूर्ण यह है की हम खुश कितने हैं, जिम्मेदारियों और अपने काम को खुश होकर कर रहे हैं या सिर्फ अपनी जिंदगी जीने के लिए !
Khush kaise rahe ! खुश कैसे रहे |
जिंदगी में खुश कैसे रह सकते हैं :-
शनिवार, 10 अक्तूबर 2020
अल्फाज़ 4
जब प्यार ही नहीं था तो इकरार क्यों किया ,
हमसे मिलने की ख्वाइश नहीं थी तो हमारा इंतज़ार क्यों किया ,
अगर इतना ही विश्वास था अपनी मोहब्बत पे ,
तो अब इश्क़ से इंकार क्यों किया !!
सोमवार, 28 सितंबर 2020
अल्फाज़ 3
हमें लगा की आप हमें
जानते, पहचानते, समझते हो
लेकिन महसूस किया तो अफ़सोस रहेगा
हमीं आपको नहीं समझ पाए !!
शायद हम भी अब वफा ना कर पाए किसी से ,
आप जो इस तरह हमें ठुकरा गए !!
अल्फाज़ 2
ए काश की तुने मुझे गुस्सा ही दिलाया होता,
चिल्ला के, रोके, नाराज़ होके उतर ही जाता !
लेकिन तुने तो मुझे ही अंदर से तोड़ दिया,
क्योंकि तूने अपना रास्ता कहीं ओर मोड़ लिया ,
ए मेरे खुदा अब तू ही बता की खुद को कैसे समझाऊँ,
की उसका खुमार ही मेरे दिल से उतर जाता !!
शुक्रवार, 25 सितंबर 2020
अल्फाज़ 1
किसी के माथे पे लगे कलंक पर
इतना भी मत हँसिये ज़नाब !
कभी - कभी वो खुद के कारन नहीं
हालातों के वजह से भी लग जाते हैं !!
कम्बख्त चाहता खुद कौन है ,
बेज्जत होना ,
कितनी बार तो खुद को ही खुद की
नजर लग जाती है !!
रविवार, 23 अगस्त 2020
जो ठान लो वो पा लो
लेकिन इसके लिए हमें खुद पे काम करना होगा खुद सीखना होगा अपनी सीखनी की आदत को बढ़ाना होगा अगर किसी काम को करने के लिए हमें दिक्क्तें आ रही है तो स्किल को बढ़ाना होगा और मन में ढृढ़ निश्चय करना होगा की इस काम को पूरा करना है, ये नहीं की असफलताओं और मेहनत के डर से उस काम को छोड़ दें सफलता पाने के लिए पहले असफल होना पड़ेगा ये नहीं की उस काम को बीच में ही छोड़ दें, हमें सफलता तभी मिलेगी जब हम उस काम में असफल होंगे गलती करेंगे और अपनी उन गलतियों से सीखेंगे अनुभव लेंगे तभी मिलेगी सफलता, जो ठान लो वो कर लो चाहे कितनी भी दिकत्तों का सामना करना पड़े और उस काम को करते रहो करते रहो जब तक उसमें सफलता न मिले !!
मंगलवार, 14 जुलाई 2020
आपसी टकरार को कहें बाय - बाय
आपसी रिश्तों की साझेदारी, समझदारी, परवाह ही रिश्तों में मिठास और प्यार को बढ़ाते हैं, फिर भी हम कितनी बार अपने उन्ही रिश्तों को ठेस पहुंचते हैं वो भी छोटी - छोटी बातों में जिनको हम हँस के मुस्कुराके टाल सकते हैं ! हम उन बातों को फालतू में खींचते रहते हैं उनको बढ़ाते रहते हैं जिनकी कोई आवश्यकता नहीं होती ! कितनी बार तो इस बात पे बहस होती है की दाल में टमाटर क्यों डाला तो धनिया पत्ता क्यों नहीं डाला और तो और ये बातें इतनी आगे बढ़ जाती है की रिश्तों में दरारें आने लगती है ! सबसे ज्यादा तो रिश्ते तब ख़राब होते हैं जब कोई दूसरा उसमें अपनी बात बोलने लगता है या फिर दखल देने लगते हैं !
हमें अपने जीवन में किसका महत्त्व ज्यादा है उसको देखना पड़ेगा किसी तीसरे के कारन हमें अपने रिश्तों को नहीं खोना चाहिए और नाहीं किसी बुरी बातों को महत्त्व देना चाहिए जो हो गया सो हो गया उसने बोला मैनें बोला ठीक है अब आगे से नहीं बोलेंगे अपने रिश्तों को महत्त्व देंगे किसी तीसरे को आने ही नहीं देना चाहिए अगर सामने वाला सही है उसने बस छोटी से गलती की है उसका बखेड़ा बनाके क्यों खुद एक- दूसरे को तकलीफ देना किसी तीसरे के कारण लड़ाई हुई है वो तो चाहता ही यही था !
सबसे पहले तो ये सोचना होगा की रिश्तों के लिए वास्तव में जरुरी क्या है उसको ऐसी क्या चीज़ है जिसके कारन हम आपस में क्यों जुड़े हैं ऐसी क्या - क्या चीजें हैं जो हम एक - दूसरे के साथ पूरी जिंदगी निभा सकते हैं ! बाक़ी तो छोटी - छोटी बातें हैं, या जो भी आदतें हैं वो बदली जा सकती है लेकिन उन छोटी - छोटी बातों के लिए हम वास्तव में हमारे रिश्ते के लिए क्या जरुरी है उसको भूल जाते हैं और फालतू में लड़ाई करने लग जाते हैं जो की नहीं करने चाहिए, बस सारा का सारा झगड़ा ही ख़तम !
अपने रिश्तों को महत्त्व देना चाहिए जो हमारी जिंदगी में अहमियत रखते हैं ना की उस चीज़ को जिसके कारण रिश्ता टूटने की नौबत आए ! समझौता नहीं जिंदगी को अच्छे से जियो......क्यूंकि सही ही कहा गया है जिंदगी ना मिलेगी दोबारा अब इसको कैसे जीना है ये निर्णय हमारे ही ऊपर है !
रविवार, 12 जुलाई 2020
हर बात पर गुस्सा ना हों
क्यों हम या कोई और किसी भी बात पर टिप्पणी देने लगते हैं , बातों और चीज़ों को बिना सोचे समझे दूसरे पर चिल्लाने लगते हैं उनसे लड़ने लगते हैं एक पल के लिए ये भी नहीं सोचते की मुद्दा क्या है क्या बात इतनी बड़ी है की इस स्तर तक लड़ाई हो या नहीं ! कितनी बार तो ऐसा होता है की बात बहुत छोटी होती है और उस पर हम लड़ने लग जाते हैं भले ही सामने वाली की उसमें कोई गलती ना हो उसने वो गलती जानबूझ के न की हो बल्कि उससे हो गई हो तो उसमें चिल्लाने की या उस व्यक्ति से लड़ने की कोई बात नहीं है कितनी बार तो आपस में लड़ाई हो जाती है ! हर व्यक्ति के साथ ऐसा उसके जीवन में हुआ होगा की किसी दूसरे पर चिल्लाने, मारपीट करने के बाद ये मन में विचार आया हो की अरे इसमें इतना बोलने की जरुरत नहीं थी या हाथ उठाने की भी आवश्यकता नहीं थी गलती हो गई थी उससे उसने जानबूझ कर ऐसा नहीं किया था फिर पछताने से कुछ नहीं होता जो कुछ होना होता है वो हम गुस्से में करदेते हैं और फिर बाद में पछताते हैं !
हमें उस घटना को समझना होना उसको जानना होगा की वो किसी के द्वारा गलती से हो गया है या फिर उसने जानबूझ के उसको किया है उसी के अनुसार हमें अपना बर्ताव रखना चाहिए ये नहीं की कुछ भी हुआ तो सीधा लड़ने लग जाएं मारपीट पे उतर जाएँ ! मान लीजिये की हम अगर किसी होटल या भोजनालय में हैं और परोसते समय वहाँ के किसी कर्मचारी के द्वारा हमारे ऊपर कुछ गिर जाता है तो क्या हमें उसे मारना चाहिए उसपे चिल्लाना चाहिए और उसपर आरोप लगाना चाहिए की नहीं तूने मेरे कपडे गंदे कर दिये...... बिल्कुल नहीं हमें हल्की सी मुस्कान के साथ उसको कहना चाहिए की कोई बात नहीं हो जाता है ऐसा कभी - कभी, क्योंकि वो कर्मचारी तो खुद ही डरा होगा की उससे ये गलती हो गई है और उसके साथ ऐसा व्यवहार करके हम उसको भी बहुत ख़ुशी देंगे और हम भी आन्दित रहेंगे ! लेकिन यहीं अगर कोई पति अपनी पत्नी को हमेशा नीचा दिखता है लोगों के सामने उसको बेइज्जत करता है तो ये वो जानबूझ के कर रहा है इसमें उसको कहना पड़ेगा उसको बताना पड़ेगा की ये गलत हैं और भले ही पत्नी को उसको डांटना पड़े या चिल्लाना आये या फिर वो अपने पति से बात न करे उसको समझाना पड़ेगा की उसके पति ने जी कुछ किया वो सतप्रतिशत गलत है लेकिन इसका मतलब ये नहीं की पत्नी भी लोगों के सामने चिल्लाए और अपने पति पर डांटने लगे या उसके साथ मारपीट करने लगे !!
तो कुछ भी निर्णय लेने से पहले हमें ये समझना पड़ेगा की गलती जानबूझ के दूसरे के द्वारा की गई है या गलती से हो गई है, तभी कोई गतिविधि करनी चाहिए !!
सोमवार, 29 जून 2020
ऐसे लोगों से तो दूर हो ही जाएं
जो लोग हमारी बहुत तारीफ करते हैं जो एक तरीके से देखा जाए तो चापलूस की तरह करे उनसे तो बिलकुल ही दूर रहना चाहिए क्यूंकि वो तो सच बोलेंगे नहीं हम कुछ भी करें चाहे हम गलत ही बात क्यों ना करें तो ऐसे लोगों से तो दुरी बना ही लेनी चाहिए ऐसे लोगों को कोई भी पसंद नहीं करता और धीरे - धीरे हम भी उनकी तरह बात करने लग जाते हैं !
लालची लोगों से हमेशा दुरी बनाए रखना चाहिए ये तो किसी के भी नहीं होते हैं बस अपना उल्लू सीधा करने आता है इनको कब आपको नुकसान करेंगे कोई नहीं बता सकता कब आपको छोड़ के किसी दूसरे लोगों में मिल जाएं ऐसे लोग बहुत खतरनाक होते हैं कभी किसी के नहीं होते !
जो पीठ पीछे किसी दूसरे की बुराई आपसे करेंगे वो किसी दूसरे के सामने आपकी भी बुराई करने से नहीं चूकते ऐसे लोगों से कभी भी अपनी बातें नहीं बतानी चाहिए और नहीं इनके साथ रहना चाहिए !
बहुत बार सुना होगा की लोग कहते हैं की कमाने से क्या होगा सब तो यहीं छोड़के जाना है ऐसे लोगों को तो अपने साथ कभी आने ही नहीं देना चाहिए खुद तो काम करते नहीं हैं बस बकवास करते रहते हैं और दूसरों को भी नहीं करने देते हमेशा फालतू बातों में या फालतू चीज़ों में खुद को उलझाए रखते हैं और दूसरों का भी समय बर्बाद करते हैं फिर इसकी संगती में हम भी इनकी तरह होने लगते हैं !
गुरुवार, 11 जून 2020
खुद को Challenge देना सीखें
कितनी बार हम खुद को कहते हैं कल से ये काम शुरू करेंगे , कल आ जाता है याद रहता है हमें की हमने खुद से क्या कहा था लेकिन हम खुदको फिर मना लेते हैं कि कोई बात नहीं परसों कर लेंगे और फिर वो कल परसो कभी आता ही नहीं है क्योंकि हम उनको अनदेखा कर देते हैं हमारी छोटी छोटी आदतों को भी हम नहीं बदल पाते क्यूंकि हम आलस कर जाते हैं और धीरे - धीरे यही हमारी आदत बन जाता है !
ज्यादातर लोग कहते हैं की यार कल से Exercise शुरू करेंगे, कल से जल्दी उठेंगे, कल वहां जाएंगे, कल बैंक का काम ख़तम कर लेंगे, कल लिख लेंगे , ये chapter कल से पढ़ेंगे, वगैहरा लेकिन कल कभी नहीं आता कोई बात नहीं फिर हम खुद ही खुद को समझा देते हैं अरे ये तो नहीं हो पाया गर्मी ज्यादा थी, नींद नहीं खुली , रात देर सोया था, मन नहीं कर रहा था कोई बात नहीं अगले दिन कर लेंगे लेकिन वो अगला दिन कभी आता ही नहीं है ! लगता है की यार अब तो करना ही पडेगा तभी करते हैं !
सोमवार, 8 जून 2020
खुद के लिए जीना सीखो
रविवार, 31 मई 2020
खुद को महत्त्व कैसे दें
अगर कभी कोई आपको महत्त्व ना दे तो क्या करें .........
कितनी बार ये बातें हमारे मन में चलती रहती है कि मैं इसको जितना महत्त्व अपनी जिंदगी में दे रहा हुँ मुझे उतना क्यों नहीं मिल रहा उससे यही सोच - सोच कर परेशान रहते है , मन में नकारात्मक विचार आते रहते है , और कहीं भी मन नहीं लगता है हमारा..... लेकिन ऐसा क्यों .....क्यों हमारी ख़ुशी और गम दूसरों की मोहताज है , क्यों अपनी ख़ुशी या गम के लिए हम दूसरों पर निर्भर रहते हैं ..... हमारी ख़ुशी हमारी अपनी है और हमारे भीतर के सारे भाव हमारे अपने है इसके लिए दूसरों पर निर्भर करना छोड़ना पड़ेगा, हमें कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए अगर कोई हमें महत्व नहीं दे। कभी नहीं सोचना चाहिए में तो इसके लिए इतना करता हुँ क्यों नहीं करता जब मैं उसको इतना महत्व देता हुँ तो वो क्यों नहीं देता छोड़नी पड़ेगी ऐसी सोच को .......
...... सबसे पहले हमें खुद को बेचारा बनाना छोड़ना होगा कौन हमें महत्त्व दे रहा हे और कौन नहीं दे रहा इससे ज्यादा फर्क पड़ता है की हम खुद की कितनी इज्जत करते हैं हम खुद को कितना महत्त्व देते हैं क्यूंकि जबतक हम खुद की इज्जत नहीं करेंगें खुद को महत्त्व नहीं देंगे तबतक कोई दूसरा हमें महत्तव नहीं देगा ! अकेले बैठे रहने से खुद को परेशान करने से कुछ नहीं होने वाला ....... सबसे पहले खुद पे काम करना होगा सोचना पड़ेगा की खुद में कैसे प्रगति करे , कैसे अपने ज्ञान को बढ़ाए , अपने व्यक्तित्व में बदलाव लाएं , अपने अंदर आत्मविश्वास लाना होगा की अगर किसी काम को कोई और कर सकता है तो मैं भी कर सकता हुँ। ..हमें अपनी क़ाबलियत बढ़ानी होगी। .... अंदर की जज्बे को जगाना होगा की किसी के चाहने या न चाहने से कुछ नहीं होगा जबतक की में खुद नहीं चाहुँ हमारे अंदर क्या है खुद पे काम करना होगा वैसा बनना होगा। ...... कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए की कोई दूसरा हमारे लिए क्या सोचता है !
खुद के लिए हम जैसा सोचते हैं वैसा ही लोग हमारे लिए सोचते हैं और सच में हर कोई हमारे बारे में अच्छा नहीं सोच सकता हर कोई हमें महत्व नहीं दे सकता। ..... लेकिन अगर हमें किसी खास से महत्व भी चाहिए तो किसी से गिडगिडाने में कुछ नहीं मिलता सिर्फ भीख ही मिलती है ! इसलिए खुद को दें अपनी जिंदगी में महत्व क्यूंकि आपकी अपनी जिंदगी में सबसे ज्यादा महत्व आप रखते हैं अपने लिए !!
ऐ मुसाफिर क्यों किसी और के महत्व के लिए इतना तरसता है ,
जबकि तु महत्त्व है , तु खुद में पूर्ण है अपने लिए !!
जो चाहेगा वही बनेगा अपनी जिंदगी में ,
जब तू स्वयं अपने महत्व को समझ पाएगा !!
बुधवार, 6 मई 2020
शक (भाग - 1 )
कुछ भी होअब से इस बात का ध्यान रखूंगी की इस तरीके से मैं अपने पिता को जवाब नहीं दूंगी ! खैर ये तो मेरे मन में पछतावा था लेकिन इससे ज्यादा तकलीफ़ इस बात की थी की आखिर पिताजी ने मुझसे वैसे बात क्यों की कितने समय के बाद तो उन्होंने मुझसे कुछ बोला था थोड़ा प्यार से ही पूछ लेते की बीटा क्या हुआ बिजली क्यों जलाई है रात ज्यादा हो गई है अभी तक तुम यही हो उनका ऐसा स्नेह भरा बोल सुनके मेरे भी जवाब कुछ और होते और उसके बाद मुझे आदेश देते की जाओ जाके सो जाओ ! रात हो चुकी है मैं भी बहुत खुश होती क्योँकि मुझे पता होता की उनके इस प्रकार के आदेश में भी स्नेह भरा है !
मैं भूल जाती की पिताजी ने मुझे बाहर जाने से मना किया है मैं किसी अजनबी के सामने भी घर में नहीं आ सकती और अगर वो कोई पुरुष है तो पिताजी की सख्त पाबन्दी है की मैं नहीं मिल सकती यहाँ तक की शाम होते ही मैं छत पर भी नहीं रह सकती थी सूर्यअस्त के साथ मेरे भी उस दिन की अस्ति हो जाती थी बस इतनी इजाजत थी कि अगर कोई रिस्तेदार आ गए तो वहां उनके समीप बैठ सकती थी वैसे मेरा मन नहीं करता था किसी भी रिस्तेदारों के पास बैठने का जैसे मैं कोई बैटरी से चलने वाली गुड़िया या खिलौना हूँ वैसे ही शायद मैं बन रही थी लेकिन मैं पहले वाली अपनी ज़िंदगी जीना चाहती थी। ....... यही सोचते - सोचते मैं कब अपने अतीत मैं चली गई पता ही नहीं चला। .......
(क्रमशः )
शनिवार, 11 अप्रैल 2020
हमारे अपने रिश्ते
हमारे अपने रिश्ते
आज हम बात करेंगे पीढ़ी के अंतर के बारे में। हम सबने इसे महसूस किया है—जब हमारे माता-पिता या दादा-दादी हमारी पसंद-नापसंद को समझ नहीं पाते, ...
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आज हम बात करेंगे पीढ़ी के अंतर के बारे में। हम सबने इसे महसूस किया है—जब हमारे माता-पिता या दादा-दादी हमारी पसंद-नापसंद को समझ नहीं पाते, ...
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हमारे अपने रिश्ते क्या जो रिश्ते खून के होते है …….. क्या बस वही अपने होते हैं कई बार ऐसा सुना है लोगों से उनके साथ ...
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क्यों हम या कोई और किसी भी बात पर टिप्पणी देने लगते हैं , बातों और चीज़ों को बिना सोचे समझे दूसरे पर चिल्लाने लगते हैं उनसे लड़...